F22 लड़ाकू विमान को बनाने में अमेरिका को बहुत ज्यादा खर्चा हुआ है।इस विमान को बनाने में अमेरिका को 250-300 अरब डॉलर का खर्च आया है।अगर आप भारत के रक्षा बजट की बात करे तो वो करीब 60 अरब डॉलर का है। भारत के रक्षा बजट से 5 गुना ज्यादा खर्च में बना है ये विमान। अमेरिका चाहे तो इस विमान को बेचकर 4 से 5 साल में ही इसका खर्चा निकाल सकता है लेकिन अमेरिका इसे क्यों नहीं बेचना चाहता है आइए जानते हैं।
इस विमान को खरीदने के लिए बहुत सारे देश इच्छुक है। उन देशों में से एक है जापान और इजरायल जो किसी भी कीमत पर इस विमान को खरीदना चाहते हैं।क्या भारत इस विमान को खरीद सकता है.
क्या है खासियत इस विमान में?
- F22 विमान की मुख्य रूप से दो खासियत है एक इसकी डिजाइन और दूसरी तकनीक। दुनिया की सबसे ख़तरनाक डिफेंस सिस्टम s400 भी इसे नहीं पकड़ सकता है।इस विमान में कहीं भी 90 डिग्री का कोण नहीं बनता है।
- ये रडार के पकड़ से बिल्कुल नहीं आता है। जब तक कोई रैदार इस विमान को पकड़ता है तब तक ये विमान अदृश्य हो जाता है।
- इस विमान से बहुत ही आधुनिक रडार सिस्टम लगाया गया है।अगर इस विमान पर कोई भी मिसाइल दागा जाता है तो ये हवा में ही उस मिसाइल को खत्म कर देता है।
- इस विमान में फायर एंड फॉरगेट सिस्टम है जो किसी भी हाल में लक्ष्य को नेस्नाबुत कर देता है।
- इस विमान कि स्पीड लगभग 2400 प्रति घंटा है।ये बहुत तेजी से मिसाइल को चकमा दे सकता है।अगर इसमें टर्बो इंजन को एक्टिवेट किया गया तो ये विमान लगभग 3000 किमी/घंटा की स्पीड पकड़ लेता है।
- अमेरिका इसे इसलिए नहीं बेचना चाहता है क्योंकि ये विमान बहुत ही आधुनिक तकनीक से लैस है। अमेरिका नहीं चाहता कि कोई भी देश उससे ताकतवर हो।दूसरा बात ये है कि ये विमान की कीमत किसी भी देश के जीडीपी से बहुत ज्यादा है।