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जब देश एक तो चिकित्सा व्यवस्था एक क्यों नहीं : शैलेन्द्र कुमार

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दिल्ली: काश पिता जी को भी ऐसी ही चिकित्सा व्यवस्था मिली होती जैसे आज अमिताभ बच्चन को मिल रही है तो वो आज हम लोगो के बीच होते और एक देश ,एक जैसा इंसान और एक जैसी चिकित्सा व्यवस्था की बात कर रहे होते। यह कहना है स्वर्गवासी राजेंद्र कुमार शर्मा के बेटे शैलेन्द्र का। वो कहते है,आज पूरा देश अमित जी के स्वास्थ को लेकर परेशान है,मै भी हूँ वो इस सदी के महानायक है और जो उन्होंने हमारे देश और फिल्म इन्डस्ट्री के लिए करा है उसकी कोई तुलना नहीं कर सकता।जबसे अमित जी अस्पाताल में भर्ती हुए है तबसे उनके बारे में उन्होंने क्या खाया क्या पिया उनकी हेल्थ बुलेटिन पुरे दिन टेलीविज़न पे चलता रहता है । काश इसका सिर्फ एक प्रतिशत भी मेरे पिता जी के साथ हुआ होता तो वो आज हम लोगो के साथ होते।

शैलेन्द्र कहते है आज भी वो दिन मै नहीं भूल पाता हू कि कैसे पिता जी जो बिलकुल सवस्थ थे औऱ उनको भी माइल्ड कोरोना हुआ था। मैंने एलएनजेपी अस्पताल, दिल्ली में उनको भर्ती कराया लेकिन उनको वहा पे कोई टाइम से पानी देने वाला भी अस्पताल मे नहीं था। उनके साथ लापरवाही होती गई औऱ उनका धीरे -धीरे स्वास्थ खराब होता गया वो मुझसे कहते थे मै कोरोना से नहीं इस अस्पताल के स्टाफ और डॉक्टर्स की लापरवाही से मर जाऊंगा। मै परेशान हो जाता पुरे दिन प्राइवेट अस्पताल के चक्कर लगाता बेड तो नहीं मिलता लेकिन लाखो में बेड दिलवाने वाले दलाल जरूर मिल जाते थे। किसी तरह एक बेड की व्यवस्था पिता जी के लिए करी सोचा अब सबकुछ सही हो जाएगा। जब मै उनको डिस्चार्ज कराने अस्पताल पहुँचा तो पता चला पिता जी की मृत्यु सुबह ही हो चुकी है अगर मै अस्पताल नहीं जाता तो उनकी मृत्यु की खबर भी नहीं मिलती। अस्पताल स्टाफ ने मृत्यु सर्टिफिकेट पे उनका नाम तक गलत लिखा था। ‘राईट टू इन्फाॅर्मेशन (RTI)’ डालने के बाद भी अस्पताल ने अभी तक मुझे मेरे पिता जी कि मेडिकल रिपोर्ट और ट्रीटमेंट की समरी नहीं दिया है ।

अस्पताल का स्टाफ और डॉक्टर्स थोड़ी सी संवेदनशीलता दिखाए होते तो आज मुझे यह सब बाते नहीं करनी पड़ती। जब कोई इंसान अस्पताल पहुँचता है चाहे वो आम इंसान हो या खास चिकित्सक व्यवस्था सबकी एक जैसी होनी चाहिए। आशा करता हूँ एक दिन ऐसा आए जब ऐसी चीज़े हमारे देश में हो और इस तरह के अस्पताल पे कड़ी कार्यवाही  हमारी सरकार को करनी पड़ेगी अगर वो यह चाहते है जो मेरे परिवार के साथ हुआ वो आगे किसी के भी साथ ना हो औऱ कोई इस तरह अपने प्रियजन को हमेशा के लिए ना खोए।