सिगरेट कंपनी ने तंबाकू से बना दी कोविड-19 वैक्सीन: जल्द शुरू होगा ह्यूमन ट्रायल

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एक तरफ भारत सरकार द्वारा इस बात को लेकर चेतावनी दी जा रही है कि तंबाकू उत्पादों के इस्तेमाल से श्वसन संबंधी संक्रमण बढ़ सकता है और ऐसे लोग कोरोना वायरस की चपेट में आने की लिहाज से ज्यादा संवेदनशील है। वहीं, दूसरी तरफ ब्रिटिश अमेरिकन टोबैको नाम की कंपनी की सब्सडियरी कंपनी केंटकी बायोप्रोसेसिंग ने तंबाकू की मदद से कोविड-19 वैक्सीन बनाने का दावा किया है। कंपनी का कहना है कि इस वैक्सीन का जल्द ही ह्यूमन ट्रायल शुरू कर दिया जाएगा। लंदन में स्थित लकी स्ट्राइक सिगरेट बनाने वाली इस कंपनी का दावा है कि वह तंबाकू की पत्तियों से निकाले गए प्रोटीन से वैक्सीन तैयार कर चुकी है।

इससे पहले कंपनी ने अप्रैल महीने में इस बात का दावा किया था कि वह एक प्रायोगिक कोविड-19 वैक्सीन बनाने में जुटी हुई है। अब कंपनी की तरफ से इस बारे में जानकारी देते हुए बताया गया है कि अमेरिका के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन से ह्यूमन ट्रायल  की अनुमति की अर्जी डाल जा चुकी है। जो इसे किसी भी वक्त मिल सकती है। कंपनी के चीफ मार्केटिंग ऑफिसर किंग्सले व्हीटन ने इस बारे में आगे बताया कि हमें पूरी उम्मीद है कि हमें इंसानी परीक्षण के लिए अनुमति मिल जाएगी। ताकि हम लोगों को कोरोना वायरस महामारी से बचा सकें। हमारी वैक्सीन ने प्री-क्लीनिकल ट्रायल में कोविड-19 के खिलाफ अच्छा रिस्पॉन्स दिखाया है।

उन्होंने इस बात का दावा किया है कि हम जिस तरीके से वैक्सीन बना रहे हैं वो अलग है। हमने तंबाकू के पौधे से प्रोटीन निकालकर उसे कोविड-19 वैक्सीन के जीनोम के साथ मिक्स कराया है। जिससे हमारी वैक्सीन तैयार हुई है। हमने कुछ जेनेटिक इंजीनियरिंग की है। कंपनी के मुताबिक पारंपरिक तरीके की तुलना में इस पद्धत्ति से वैक्सीन बनाने में समय कम लगता है। इससे फायदा ये होगा कि हम महीनों के बजाय हफ्तों में वैक्सीन बना लेते हैं। ताकि जल्द ट्रायल्स हों और वैक्सीन लोगों के बीच पहुंच सके। बता दें कि पूरी दुनिया में तंबाकू उत्पादनकर्ता इस समय कोरोना वैक्सीन बनाने की रेस में कूद चुके हैं। फिलिफ मॉरिस इंटरनेशनल की मेडिकागो इनकॉर्पोरेशन कंपनी भी तंबाकू आधारित वैक्सीन बनाने में जुटी हुई है। कंपनी का दावा है कि उनकी दवा अगले साल के पहले छह महीने में आ जाएगी।