मौत का मंजर इतना खतरनाक होगा सायद ही हम लोगो ने इसके बारे में सोचा हो। लेकिन कोरोना महामारी ने इसको इतना आसान कर दिया है। बतादे कि अब हर तरफ से लोगो के मन में डर सा बैठ गया है। साथ ही कोरोना के करण हवा ,पानी भी दूषित हो गया है। जो हम लोगो के लिए खतरनाक साबित हो रहा है। बताते चले कि कोरोना संकट के बीच दिल्ली में हवा का स्तर बदस्तूर गिरता जा रहा है। राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता शुक्रवार सुबह ‘बहुत खराब’ श्रेणी में रही। प्रदूषण संबंधी अनुमान जताने वाली सरकारी एजेंसी ने कहा कि हवा की अनुकूल गति के कारण वायु गुणवत्ता में थोड़ा सुधार होने की उम्मीद है। वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) बृहस्पतिवार को कुछ समय के लिए ”गंभीर” स्तर पर रहा और इसके बाद यह ”बहुत खराब” श्रेणी मे पहुंच गया। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की वायु गुणवत्ता निगरानी प्रणाली ‘सफर’ के अनुसार, दिल्ली की हवा में पीएम 2.5 के संकेंद्रण में पराली जलाने का योगदान बृहस्पतिवार को इस मौसम में सर्वाधिक 36 प्रतिशत था।
गौरतलब है कि वहीं, दिल्ली से सटे यूपी के गाजियाबाद स्थित इंदिरापुरम में वायु गुणवत्ता सूचकांक 384 दर्ज किया गया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) डेटा के अनुसार, यह ‘खराब’ श्रेणी में हैं। इसी बीच, पद्म श्री पुरस्कार से नवाजे जा चुके डॉ.संजीव बगाई ने एक निजी चैनल को बताया, “हम विषैले सर्कस में रह रहे हैं। अगर आप अधिक सांस लेंगे, तो मर जाएंगे। अगर पानी पिएंगे, तो मर जाएंगे। यह सबकी जिम्मेदारी है। अमोनिया दिमाग पर असर करती है और इससे लंबे वक्त तक लिवर और किडनी को नुकसान होता है।” चैनल की रिपोर्ट में बताया गया कि दिल्ली के कई हिस्सों में जलापूर्ति प्रभावित हो सकती है। ऐसा इसलिए, क्योंकि राष्ट्रीय राजधानी के पानी में अमोनिया का स्तर बढ़ गया है।
उधर, दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने समाचार एजेंसी ANI को बताया, “35% के आसपास बेड्स भर चुके हैं। तेजी से कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग और टेस्टिंग के कारण केसों में उछाल आया है। जब तक वैक्सीन नहीं आ जाती है, तब मास्क्स को ही वैक्सीन समझा जाना चाहिए। अगर आप मास्क्स पहनेंगे, तो ये आपको प्रदूषण के साथ कोरोना से भी बचाएंगे।” बता दें कि 0 और 50 के बीच एक्यूआई को ‘अच्छा’, 51 और 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 और 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 और 300 के बीच ‘खराब’, 301 और 400 के बीच ‘बेहद खराब’ और 401 से 500 के बीच ‘गंभीर’ माना जाता है।
तो वहीं दूसरी तरफ भारत में कोविड-19 के एक दिन में 48,648 नए मामले सामने आने के बाद देश में संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर शुक्रवार को 80,88,851 हो गई। वहीं, उपचाराधीन मरीजों के छह लाख से कम होने के साथ ही संक्रमण से ठीक होने की दर देश में 91 प्रतिशत के पार पहुंच गई है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से सुबह आठ बजे जारी अद्यतन आंकड़ों के अनुसार वायरस से 563 और लोगों की मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 1,21,090 हो गई है। मंत्रालय ने बताया कि देश में कुल 73,73,375 लोग संक्रमण मुक्त हो चुके हैं और मरीजों के ठीक होने की दर 91.15 प्रतिशत है। वहीं कोविड-19 से मृत्यु दर 1.50 प्रतिशत है।
गोरतलब है कि पीएम 2.5 का स्तर 231 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर मापा गया। भारत में 60 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर तक पीएम 2.5 के स्तर को सुरक्षित माना जाता है। नासा से प्राप्त उपग्रह चित्रों में पंजाब के अधिकांश और हरियाणा के कुछ हिस्सों में पराली इत्यादि जलाने की घटनाओं की पुष्टि हुई। सफर के अनुसार, पीएम2.5 संक्रेंद्रण में पराली जलाने का योगदान दिल्ली में 36 प्रतशित रहा। यह बुधवार को 18 प्रतिशत, मंगलवार को 23 प्रतिशत, सोमवार को 16 प्रतिशत, रविवार को 19 प्रतिशत और शनिवार को नौ प्रतिशत रहा। सफर ने कहा कि सतह पर हवा की गति बढ़ने और वातायन की बेहतर परिस्थितियों से शनिवार तक हालात में ”काफी” सुधार की उम्मीद है।
बतादे कि दिल्ली में सुबह साढ़े नौ बजे एक्यूआई 380 दर्ज किया गया। बृहस्पतिवार को 24 घंटे का औसत एक्यूआई 395 रहा। यह बुधवार को 297, मंगलवार को 312, सोमवार को 353 और रविवार को 349 था। शादीपुर (417), पटपड़गंज (406), बवाना (447) और मुंडका (427) समेत कई निगरानी स्टेशनों पर एक्यूआई ‘गंभीर’ श्रेणी में दर्ज किया गया। सीपीसीबी के डेटा के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर में बृहस्पतिवार सुबह 10 बजे पीएम10 का स्तर 424 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज किया गया जो इस मौसम में सर्वाधिक है। भारत में 100 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से नीचे के पीएम 10 का स्तर सुरक्षित माना जाता है।