हिंदू तन-मन,हिंदू जीवन,रग-रग हिंदू मेरा परिचय भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेई की 96वी जयंती।

Opinion

भारत को भारत की दृष्टि से देखने-समझने और समझाने वाले अनूठे प्रधानमंत्री थे। भारत रत्न श्री अटल बिहारी वाजपेई जी। उन्होंने भारत और भारतीयता पर गर्व करना सिखाया। एक ऐसे दौर में जबकि निष्ठा चंद नोटों के बदले बिकती हो, सक्षम होते हुए भी अपना पूरा जीवन विपक्ष की राजनीति करते हुए बिता देना एक दुर्लभ उदाहरण है। उन्होंने सत्ता के लिए कभी सिद्धांतों से समझौता नहीं किया। विचारधारा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता दृढ़ थी। वे समन्वयवादी तो थे, पर समर्पणवादी नहीं थे। उन्होंने जनता पार्टी के शासनकाल में विदेश मंत्री रहते हुए दोहरी सदस्यता के प्रश्न पर त्यागपत्र देना स्वीकार किया, किंतु संघ की पृष्ठभूमि को छोड़ना नहीं। संघ की शाखा और संस्कृति पर उन्हें सदैव गर्व रहा। पर विरोध की राजनीति करते हुए भी उन्होंने देश हित की टेक कभी ना छोड़ी। इतने लंबे समय तक विपक्ष की राजनीति करते हुए भी अटल बिहारी वाजपेई जी ने एक भी ऐसा वक्तव्य नहीं दिया, जिसका राष्ट्र विरोधी तत्व या भारत के शत्रु-देश दुरुपयोग कर सकें। आज सत्ता तक पहुंचने के लिए आतुर-उतावली विपक्षी पार्टियों को अटल जी के जीवन और दर्शन से यह सीखना चाहिए कि राष्ट्रीय हित के मुद्दों पर विपक्षी दलों और नेताओं की क्या और कैसी भूमिका होनी चाहिए।

वे आधुनिक भारत के शिल्पी थे। उन्होंने अपने संक्षिप्त कार्यकाल में भारतवर्ष के विकास की आधारशिला रखी और। आर्थिक उन्नति की सुदृढ़ नींव खड़ी की। सड़कों का संजाल बिछाने और संचार क्रांति लाने में उनकी महत्त्वपूर्ण भूमिका रही। विकास और सुशासन उनके दो मंत्र रहे। वे एक ऐसे राष्ट्रवादी थे जो जानते थे कि परमाणु शक्ति संपन्न बने बिना दुनिया में भारत की कहीं कोई सुनवाई नहीं होगी। इसीलिए उन्होंने तमाम दबाव झेल कर भी भारत को परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्र बनाया। वे जानते थे कि अपनी भाषा के बिना कोई भी राष्ट्र गूंगा ही रह जाता है। इसीलिए संयुक्त राष्ट्र संघ में बोलते हुए उन्होंने संवाद के लिए हिंदी भाषा को चुना। विदेश मंत्री के रूप में दुनिया के तमाम देशों के साथ उन्होंने जिस तरह से रिश्ते बनाए, वे उन्हें एक वैश्विक राजनेता के रूप में स्थापित करने के लिए पर्याप्त हैं। प्रख्यात वैज्ञानिक डॉक्टर ए.पी.जे अब्दुल कलाम को राष्ट्रपति बना कर उन्होंने यह साबित किया कि मुस्लिम समाज से हमें कैसे नायकों का चयन करना चाहिए। उनका पूरा जीवन समाज और राष्ट्र की सेवा में समर्पित था। उनसे हमें शक्ति और संकल्प की प्रेरणा लेनी चाहिए।