दिल्ली: एक हॉस्पिटल निराश करता अपनी लापरवाही से..

Opinion

राजनीति से परे भी राजधानी का अपना महत्व है और यह महत्व वहां मौजूद सुविधाओं-संसाधनों की वजह से ही आकार लेता है। किसी भी देश की राजधानी में  आबादी ज्यादा होती है, लेकिन इसके बावजूद उसे खुद को तमाम कमियों से बचना-बचाना पड़ता है, ताकि उस पर विश्वास कायम रहे। देश के जिस चमकदार हिस्से को आदर्श बनकर चमकना था, वहां कोरोना संक्रमण का सबसे ज्यादा फैल जाना दुखद और चिंताजनक है

इस बीच दिल्ली के एलएनजेपी अस्पताल पर लापरवाही का बहुत बड़ा मामला सामने आया है, मंडावली के रहने वाले राजेंद्र कुमार शर्मा को वार्ड नंबर 29 में कोविड मरीज भर्ती किया जाता हैं, तब वह बिल्कुल स्वस्थ थे. राजेंद्र कुमार के बेटे शैलेन्द्र का कहना हैं कि एलएनजेपी अस्पताल की मेडिकल व्यवस्था से लेकर डाँक्टर स्टाफ तक पूरी तरह से लापरवाही बरती जिस से मैंने अपने पिता जी को हमेशा के लिए खो दिया. हॉस्पिटल में आईसीयू, वेल्टीलेटर और प्लाज़्मा थेरपी हर तरह की वयवस्था होने की बाद भी उनके पिता जी को जरूरत पड़ने पे भी आईसीयू में शिफ्ट नहीं करा गया अगर इतनी लापरवाही उनके साथ नहीं करे गए होते तो वो आज उन सबके बीच होते. शैलेन्द्र ने बताया कि मेरे पिताजी की मृत्यू होने के बाद भी अस्पताल के डाँक्टरो ने एक और बड़ी लापरवाही कर डाली मेरे पिता जी का डेथ सेटिफिकेट पे नाम तक बदल डाला.

इस तरह के असम्वेदनशील हॉस्पिटल पे कड़ी कारवाही करनी चाहिए जिससे कोई और परिवार अपने करीबी को हमेशा के लिए ना खो सके. कोरोना की चेन तोड़ने के लिए सरकार को युद्ध स्तर पर प्रयास करने चाहिए.सोशल डिस्टेंसिंग के लिए उठाए गए कदम और राष्ट्रीय स्तर पर लॉकडाउन के बावजूद कोरोना वायरस संक्रमण के मामले भारत में तेजी से बढ़ रहे हैं.दिल्ली कोरोना महामारी से सबसे अधिक प्रभावित राज्यों में शामिल हैं।