कोरोना से अगले पांच सालों में कैंसर के मामले में होगी 12 फीसदी की वृद्धि

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भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद और राष्ट्रीय रोग सूचना विज्ञान व अनुसंधान केंद्र का कहना है कि इस साल भारत  में कैंसर के मामले 13.9 लाख रहने का अनुमान है, जो 2025 तक 15.7 लाख तक पहुंच सकते हैं। कैंसर के मामलों में 12 फीसदी तक की बढ़ोत्तरी होने का अनुमान है।

राष्ट्रीय रोग सूचना विज्ञान व अनुसंधान केंद्र का कहना है कि तंबाकू के किसी भी प्रकार के उपयोग से होने वाले कैंसर के सबसे ज्यादा मामले देश के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र से आए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, 2020 में देश में कैंसर से जुड़े कुल मामलों में से करीब 3.7 लाख (27.1%) केस तंबाकू से होने वाले कैंसर के हो सकते हैं। वहीं, महिलाओं को होने वाले स्तन कैंसर से 2 लाख (14.8%) और गर्भाशय कैंसर में 0.75 लाख (5.4%) का योगदान होने का अनुमान है.।साथ ही महिलाओं और पुरुषों में आंत के कैंसर के 2.7 लाख मामले (यानी 19.7 फीसद) रहने का अनुमान लगाया गया है.

यहां मिले सबसे अधिक मामले

रिपोर्ट में बताया गया है कि पुरुषों की प्रति 1 लाख की आबादी के आधार पर कैंसर के सबसे अधिक मामले आइजोल जिले में 269.4 की दर से पाए गए. वहीं, उस्मानाबाद और बीड जिले में यह दर प्रति 1 लाख पर 39.5 रही.

दूसरी तरफ, महिलाओं की प्रति 1 लाख की आबादी के आधार पर कैंसर के सबसे ज्यादा मामले की दर 219.8 पापुमपारे जिला में पाई गई. वहीं, उस्मानाबाद और बीड जिले में यह दर 49.4 के साथ सबसे कम रही.

मालूम हो कि पुरुषों में फेफड़े, मुंह, पेट और अन्नप्रणाली के कैंसर सबसे आम होते हैं. वहीं, महिलाओं के लिए स्तन और गर्भाशय के कैंसर सबसे आम समझे जाते हैं.