भारत में हज़ारों साल से गांजे का सेवन किया जाता रहा है।अथर्ववेद में इसकी गिनती पांच महान पौधों में है। तो क्या इसे भारत में भी लीगल कर देना चाहिए ऐसा ही आवाज़ अब उठने लगा है। गांजा हेल्थ के लिए बहुत खतरनाक है। लेकिन टोबैको,शराब खुले आम इस देश में बिक रहा क्या इससे नुकसान नहीं है।
गांजे के लीगल हो जाने से किस बात का डर है?
1985 से पहले इस पर कोई रोक-टोक नहीं थी। फिर राजीव गांधी की सरकार 1985 में NDPS यानी Narcotic Drugs and Psychotropic Substances Act लेकर आई। तब गांजे पर बैन लग गया।कई लोग गांजे को हेल्थ के लिए एक बड़ा खतरा बताते हैं, कुछ इसके मेडिकल बेनिफिट्स की ओर इशारा करते हैं।पिछले दशकों में गांजे को लीगल करने की मांग बढ़ी है।दुनिया के कई हिस्सों में इसे लीगल कर दिया गया है।