भारत दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश बना - निहितार्थ और चुनौतियाँ

भारत दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश बना – निहितार्थ और चुनौतियाँ

परिचय 1. भारत की जनसंख्या चीन से अधिक क्यों हो गई है, इसकी व्याख्या। संयुक्त राष्ट्र के हालिया बयान के साथ एक प्रमुख जनसांख्यिकीय मील का पत्थर हासिल किया गया था कि भारत दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले देश के रूप में संयुक्त राज्य अमेरिका से आगे निकल गया है। भारत की तेजी से […]

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आख़िर क्यों डटे हैं किसान बॉर्डर पर जान झकजोर देने वाला सच।

कोरोना महामारी और कड़ाके की शीतलहर को खुले आसमान तले गुजार देने वाले किसान अपने घरों से फालतू नहीं हैं जो खेती बाड़ी घर बार छोड़कर अपनी हड्डियों को गला रहे हैं। ये एक वाजिब बात को लेकर संघर्ष कर रहे हैं जिसका सरकार के पास कोई जवाब नहीं है या फिर वह जवाब देना […]

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नाथूराम गोडसे का अंतिम बयान उन्होंने बताया की मैंने गाँधी को क्यों मारा।

नाथूराम जी ने कोर्ट में कहा -सम्मान ,कर्तव्य और अपने देश वासियों के प्रति प्यार कभी कभी हमे अहिंसा के सिधांत से हटने के लिए बाध्य कर देता है। मैं कभी यह नहीं मान सकता की किसी आक्रामक का शसस्त्र प्रतिरोध करना कभी गलत या अन्याय पूर्ण भी हो सकता है। प्रतिरोध करने और यदि […]

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ट्रैक्टर मार्च के आड़ में एक घटिया और शर्मनाक हरकत।

आज 26 जनवरी गणतंत्र दिवस पर जो घटिया और शर्मनाक हरकत इस ट्रैक्टर मार्च के आड़ में की गई है वो भारत के इतिहास में एक काले धब्बे की तरह याद रखी जाएगी। बैरिकेड्स को तोड़ना, पुलिस पर तलवारों सरियों से हमला करना, पुलिस वालों पर ट्रैक्टर चढ़ाकर उन्हें जान से मारने की कोशिश करना, […]

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जेएनयू के टुकड़े-टुकड़े गैंग को सही और हिन्दुओं के भावनाओं से खिलवाड़ करती “तांडव”

अली जाफर की तांडव वेब सीरीज अमेज़न प्राइम पे रिलीज हो चुकी है और इसमें जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में हुई हिंसा को भी एक अलग एंगल से दिखाया गया है। वेब सीरीज में भारत के टुकड़े-टुकड़े करने वाले गैंग का महिमा मंडन किया गया है। इसमें पूरी मंशा के साथ आजादी आजादी के नारे लगवाते […]

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कोरोना हमारी समाजवादी वैक्सीन से ही रुकेगा : वैज्ञानिक अखिलेश।

ऐसा भला हो सकता है कि , किसी भी अच्छी बुरी , खरी खोटी कोई भी कैसी भी खबर यदि भाजपा से जुड़ी है और ऊपर से भाजपा की लोकप्रियता को और बढ़ाने वाली है तो बाय डिफ़ॉल्ट कुछ लोगों के सिस्टम में विरोध वाला वायरस जाग उठता है। विरोध करना कई बार उन बातों […]

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भारत का हिन्दू क्रिसमस ना मनाएं तो ग़लत क्या है।

हम बात करते है उन तथाकथित सेक्युलर लोगों की जो किसी भी धर्म के त्योहार को अपना बना लेते है इसमें कोई ग़लती भी नही है। पर जब आप अपने धर्म के बारे में कुछ ना जानते हो और दूसरो को भी अपनी तथाकथित सेक्युलर का पाठ पढ़ाते हो तो अपको इतना जरूर पता होना […]

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जब किसी की जाति उसके लिए अभिशाप बन जाए, काश वे ब्राह्मण नहीं होते।

कहते है गरीबी आदमी को सब कुछ भुला देती है, ठीक उसी तरह गरीबी ने ब्राह्मणों को उच्च जाति मे जन्म लेने के गर्व को भी भुला दिया है। क्या आप कल्पना कर सकते है कि आजादी के 70 वर्षों बाद भी किसी समाज को कोई सरकारी सुविधा का लाभ केवल इसलिए नहीं मिलता क्योंकि […]

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गलतफहमियों के भेट चढ़ता किसान आंदोलन क्या है इनकी सच्चाई।

कृषि कानूनों पर बहस, किसानों का धरना और केंद्र सरकार की सफाई सब जारी है। अंतरराष्ट्रीय मंच तक उछल चुके इस बीच कृषि कानून के मुद्दे पर अब भी लोगों में गलतफहमियां बनी हुई हैं। इन गलतफहमियों के चलते ही विरोध प्रदर्शन बढ़ता जा रहा है। लोगों, किसानों के बीच क्या-क्या गलतफहमियां हैं और उनकी […]

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क्रिसमस की चमक में गुरू गोविंद सिंह के सपूतों का बलिदान भूल बैठा है भारत।

जरा याद कीजिए आज से तीन सौ साल पुराना वह मुगलिया दौर, जब हिंदुस्तान में हिंदुओं की सबसे बड़ी चिंता अपने धर्म की रक्षा थी। तलवार, हिंसा, अपहरण और सामूहिक नरसंहार जैसे शरिया के तथाकथित उपदेशों के बल पर मुगलिया शासकों के सैनिक हजारों और लाखों की संख्या में हिंदुओं के धर्म का अपहरण उन्हें […]

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