समाचार एजेंसी आईएएनएस की खबर के अनुसार झील के उत्तरी किनारे को आठ फिंगर्स में बांटा गया है। भारत फिंगर-8 पर एलएसी का दावा करता है और फिंगर-4 तक के क्षेत्र पर उसका नियंत्रण रहा है। चीन की सेना फिंगर-4 के क्षेत्र में अपने कैंप लगा रही है। चीनी सेना ने फिंगर-5 और फिंगर-8 के बीच भी स्थायी अड्डे बनाए हैं।भारतीय खुफिया एजेंसियों ने दो महीने पहले ही सचेत किया था कि फिंगर-5 के पास क्रेन, कंक्रीट से भरे ट्रक और दूसरी कंस्ट्रक्शन मशीनरी को देखा गया है।
एजेंसियों ने संकेत दिया था कि चीन की सेना बैरक और कार्यालय बना रही है। सूत्रों की मानें तो इन ठिकानों पर सैंकड़ों की संख्या में चीन के सैनिक तैनात हैं और उन्होंने फिंगर-5 पर टैंक, आर्टिलरी गन और दूसरे सैन्य हथियार रखे हैं। खबरों की मानें तो फिंगर-8 में चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने बैरक और अंडरग्राउंड सुरंग का निर्माण किया है। फिंगर-8 पर सैन्य बुनियादी ढांचा खड़ा किया है। पिछले साल तक इन इलाकों में ढांचे संबंधित कोई कार्य नहीं किया जा रहा था और भारतीय सैनिक इन इलाकों में गश्त करते थे। झील के उत्तरी तट पर फिंगर-4 और फिंगर-8 के बीच आठ किलोमीटर की दूरी पर दोनों सेनाएं कई बार आमने-सामने आ चुकी हैं। भारतीय सेना अब फिंगर-4 के आगे नहीं बढ़ पा रही हैं क्योंकि पीएलए के सैनिकों ने वहां कुछ ऊंचाइयों पर कब्जा कर लिया है।
भारतीय सैनिकों ने पीएलए के कब्जे वाले स्थानों को देखते हुए कुछ ऊंचाइयों पर अपनी पहुंच स्थापित कर ली है।सूत्रों का कहना है कि चीन की सेना की गतिविधियां बढ़ गई हैं जिसके चलते फिंगर-4 से आगे भारतीय सेना के जवानों की आवाजाही पूरी तरह से कट गई है।भारत और चीन की सेना के बीच करीब चार महीनों से गतिरोध जारी है। कई स्तरों पर संवाद के बावजूद अभी कोई सफलता नहीं मिल पाई है।