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चीर हरण की याद दिलाती हमारे देश की मीडिया जिसके आगे सब नतमस्तक।

Opinion

पांचाली यानी द्रौपदी के चीर हरण के समय भीष्म पितामह, गुरु द्रोणाचार्य, कुल गुरु कृपाचार्य और विदुर जैसे विद्वान भी मौन रह गए थे फिर द्रौपदी ने भगवान कृष्ण से मदद की गुहार लगाई थी। तब भगवान कृष्ण ने उनकी लाज बचाई थी। लेकिन जो आज हमारे देश की मीडिया कर रही वो कहीं ना कहीं उस द्रोपदी के चीर हरण की याद दिलाता है।

हमारे समाज में लड़कियो को देवी माना जाता है हम उनकी पूजा करते है। अभी सीबीआई किसी नतीजे पे नहीं पहुंची है। उससे पहले ही मीडिया 4 महीने से रिया चक्रवर्ती की जज और वकील बनी हुई है। जब तक हमारी न्यापालिका किसी को दोषी मान के सजा नही देती तब तक वो इंसान सिर्फ आरोपी होता है। सुशांत सिंह राजपूत की मौत जिसके भी वजह से हुई हो उसको सजा जरूर मिलनी चाहिए और हमे अपने देश की न्यायपालिका पे भरोसा रखना चाहिए। रिया चक्रवर्ती सुशांत की मौत की मुख्य आरोपी है और इसकी जांच हमारे देश की सीबीआई कर रही कुछ दिन में ही नतीजा हम सबके सामने होगा।

हमारी देश की मीडिया इन सबसे उपर उठ कर खुद ही दोषी बना रही और खुद ही सजा देने पे आतुर है। एक लड़की को जिस तरह माइकओ के द्वारा और अपनी बातो से नोचा जा रहा वो आज हमारे समाज को बता रहा की आज कौरव ये देख कर हस रहे होंगे और सोच रहे होंगे की हमने तो सिर्फ एक बार चीर हरण करा था। जिसकी वजह से हमारा पूरा साम्राज्य ख़तम हो गया। अब क्या कृष्ण आएगे इस देश में और कैसे इस तरह लाखों द्रोपदीयो के मांस को नोचने वाले इस तंत्र से बचाएंगे क्युकी अब इस देश में चील और बाज भी बेरोजगार हो गए है उनकी जगह भी अब हमारी मीडिया ने ले रखा है।