भारत में कई हजार वर्ष पूर्व खाना पकाने और खाने के लिये मिट्टी के बर्तनों का प्रयोग किया जाता था। वैज्ञानिकों के अनुसार मिट्टी के बर्तनों में पका खाना खाने से हमारा शरीर बहुत से रोगों से दूर रहता है।
क्यों फायदेमंद है मिट्टी के बर्तनों में पका भोजन –
-शत-प्रतिशत मिट्टी के बर्तनों में धातु नहीं होती और केमिकल भी नहीं होता है। खाद्य पदार्थों को नुकसान पहुंचाने वाला सीसा मिट्टी के बर्तनों में नहीं पाया जाता है और नुकसानदायक कैडमियम तत्व भी नहीं होता है।
-मिट्टी के बर्तनों में प्लास्टिक, डाई, माइका आदि नहीं होता है। इसमें पोटेशियम, कैल्शियम, मैग्नेशियम, फासफोरस जैसे प्राकृतिक रूप से लाभकारी खनिज पाए जाते हैं। जिसका प्रकृति और पर्यावरण पर कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ता है।
-मिट्टी के बर्तनों में खाना पकाने से बर्तन के रासायनिक तत्व खाने में मिलने पर उसे दूषित नहीं करते जैसे- धातु के बर्तन में पकाने से खाने में धातु मिल जाती है और शरीर को नुकसान पहुंचाती है।
-मिट्टी के बर्तनों में भाप का उपयोग खाना बनाने में ठीक से नियंत्रित होता है। इससे खाने के पोषक तत्व नष्ट नहीं होते। साथ ही घी, तेल का उपयोग भी बहुत कम होता है। खाना अपने तेल व रस से ही पकता है।
-इन बर्तनों में खाना धीरे-धीरे और समान रूप से पकता है और पोषक तत्व नष्ट नहीं होते। आजकल के बर्तनों में आंच समान रूप से नहीं लगती है, बस भोजन जल्दी पक जाता है।
-मिट्टी के बर्तनों में पके खाने में मसाले आदि ठीक से पक जाते हैं।
-इन बर्तनों में खाना काफी समय तक गरम बना रहता है। इस प्रकार बिजली की भी बचत होती है।
-मिट्टी के बर्तनों की उपयोगिता को समझ उसमें खाना पकाने से मिट्टी से जुड़े लोगों को काम मिलेगा और हमें स्वास्थ्यकर भोजन।
हममें से अधिकांश लोग इन तथ्यों से सहमत हैं लेकिन आजकल के बिजी लाइफस्टाइल के कारण ऐसा कर पाना हम सब के लिये संभव नही है। लेकिन अगर आप लंबी उम्र पाना चाहते हैं और शरीर को रोगमुक्त रखना चाहते हैं तो मिट्टी के बर्तनों का प्रयोग करने में कोई हर्ज नही है।