लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर चीन के साथ टकराव जारी है। पांच मई से टकराव की शुरुआत हुई है और अब तक कई दौर की वार्ता के बाद भी इसके सुलझने के आसार नहीं नजर आ रहे हैं। इस बीच चीन की पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) ने कहा है कि भारत, बॉर्डर पर ब्रह्मोस मिसाइल को तैनात कर रहा है। आपको बता दें कि ब्रह्मोस मिसाइल भारत की सबसे एडवांस्ड मिसाइल है और इसे रूस के साथ मिलकर तैयार किया जा रहा है। पीएलए के आधिकारिक डेली चाइना मिलिट्री की तरफ से कहा गया है, ‘भारत बॉर्डर पर अपनी सुरक्षा के लिए ब्रह्मोस मिसाइल को तैनात कर रहा है और यह मिसाइल चीन के युनान और तिब्बत प्रांत को बड़ा खतरा है।’ 15 जून को जब गलवान घाटी में हिंसा हुई थी तो सेना को ब्रह्मोस मिसाइल के हवा से लॉन्च हो सकने वाले वर्जन को तैनात करने की मंजूरी मिल गई थी। सुपरसोनिक मिसाइल को पूर्वी और पश्चिमी बॉर्डर पर तैनात किया गया था।
दुनिया की सबसे तेज इस मिसाइल को लॉन्च होने के बाद फिलहाल उपलब्ध किसी भी मिसाइल डिफेंस सिस्टम से रोक पाना असंभव है। इस मिसाइल को इंडियन एयरफोर्स (आईएएफ) की तरफ से इसकी क्षमताओं के लिए तालियां मिल चुकी हैं। इसे सुखोई से लेकर तेजस जैसे फाइटर जेट से भी लॉन्च किया जा सकता है। यह भारत की पहली स्वदेशी मिसाइल है। लद्दाख में टकराव के बीच ही चीन ने अब चुंबी वैली में सक्रियता बढ़ा दी है। यह जगह सिक्किम और भूटान को अलग करती है। चुंबी वैली, तिब्बत में आती है और यहां पर चीनी सेना की मौजूदगी की खबर परेशान करने वाली है। चुंबी वैली में पीएलए के कई कैंप्स नजर आए हैं। दूसरी तरफ लद्दाख की पैगोंग त्सो इलाके पर चीनी सैनिक जमे हुए हैं। वहीं देपसांग के आसपास भी बड़े स्तर पर इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार कर लिया है। साथ ही पिछले कुछ हफ्तों में उसने एलएसी से सटे रडार स्टेशनों को भी अपग्रेड किया है। बताया जा रहा है कि पूर्वी लद्दाख के रोडोक इलाके में दो नए कैंप्स तैयार किए गए हैं। इन दोनों कैंप्स को पीएलए ने काम्प्लेक्स 1 और 2 नाम दिया है। बताया जा रहा है कि काम्प्लेक्स 2 में 36 बिल्डिंग्स पर निर्माण कार्य जारी है। वहीं कॉम्प्लेक्स में 24 इमारतों के बारे में जानकारी दी गई है।