1.जलवायु परिवर्तन से होगा विनाश : तेजी से बदल रहा है धरती का पर्यावरण। ब्राजील के अमेजन के जंगल में आग और ऑस्ट्रेलिया के जंगल की आग इस सदी की सबसे भयानक त्रासदी है। दूसरी ओर दुनिया के ग्लेशियर खत्म हो रहे हैं। हाल ही में जलवायु परिवर्तन के चलते आइसलैंड का ‘ओक्जोकुल’ ग्लेशियर खत्म हो गया। इसी तरह अंटार्कटिका, अलास्का, न्यूजीलैंड, स्विट्जरलैंड, किलिमंजारो पर्वत, चिली, ग्रीनलैंड और दुनियाभर के ग्लेशियर जिसमें हिमालय भी शामिल है वहां की बर्फ तेजी से पिघल रही है। एक तीसरी ओर धरती के प्राकृतिक संसाधनों का लगातर दोहन किए जाने के कारण भविष्य में धरती पर या तो समुद्र का सम्राज्य रहेगा या भी सिर्फ आग ही आग होगी।.नास्त्रेदमस के मुताबिक, इस साल जलवायु परिवर्तन पूरी दुनिया को प्रभावित करेगा और प्रदूषण के खिलाफ युद्ध स्तर पर मुहिम शुरु करेंगे।
दुनिया के कुछ हिस्सों में इस साल भयकंर तूफान और भूकंप आएगा।
नास्त्रेदमस की भविष्यवाणी के मुताबिक धनु राशि का तीर एक स्याह हलचल की ओर इशारा कर रहा है, विनाश की शुरुआत से पहले तीन ग्रहण पड़ेंगे और तब सूरज और धरती पर तीव्र भूकंप आएंगे। सूरज पर भूकंप से विकिरण के तीव्र तूफान उठेंगे जो धरती को इस कदर गरमा देंगे कि ध्रुवों पर जमी बर्फ पिघलने लगेगी। जब ऐसा होगा तब धरती के ध्रुव भी बदल जाएंगे। कुंभ राशि के युग की शुरुआत में आसमान से एक बड़ी आफत धरती पर आ टूटेगी। धरती का ज्यादातर हिस्सा प्रलयकारी बाढ़ की चपेट में आ जाएगा और तब जान और माल की भारी क्षति होगी।
2.बढ़ेगा वर्ग संघर्ष : नास्त्रेदसम के अनुसार यह साल हिंसा से भरा रहेगा। कई देशों में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन के साथ ही वर्ग संघर्ष भी बढ़ेगा। नास्त्रेदमस के अनुसार मध्यपूर्व के देशों और दुनिया के कुछ अन्य क्षेत्रों में भी धार्मिक कट्टरता के चलते गृहयुद्ध जैसे हालात होंगे और कई लोगों को अपना देश छोड़कर दूसरे देशों में शरण लेना पड़ेगी। हालांकि यह स्थिति तो कभी से जारी है। भविष्यवाणी के अनुसार साल 2020 में दुनिया के बड़े देशों में गृहयुद्ध जैसे हालात हो जाएंगे और लोग सड़कों पर उतर आएंगे।
नास्त्रेदमस ने 2020 को एक बहुत ही हिंसक साल बताया है। नास्त्रेदमस ने ये भविष्यवाणी साल 2020 के लिए है हालांकि, भारत में नए साल से पहले ही CAA को लेकर ज़बरदस्त विरोध देखने को मिल रहा है। इसके अलावा, फ्रांस समेत मध्य-पूर्व के ज़्यादातर देशों में भी हिंसक प्रदर्शन हो रहा है।
3. तीसरे विश्व युद्ध की आशंका : नास्त्रेदमस की भविष्यवाणी के अनुसार तीसरा विश्व युद्ध कभी भी भड़कर सकता है। कुछ लोग इस भविष्यवाणी को 2020 में अमेरिका द्वारा एशिया में सबसे बड़ा सैन्य अभ्यास शुरू करने की योजना से जोड़कर देखते हैं। ऐसा भी अनुमान लगाया जा रहा है कि 2020 में कई देशों में आपस में टकराव बढ़ जाएंगे।
यदि तृतीय विश्व युद्ध होता है कि नास्त्रेदमस के विश्लेषकों अनुसार उस दौरान आग का एक गोला पृथ्वी की ओर बढ़ रहा है जो धरती से मानव की विलुप्ति का कारण बन सकता है। ऐसा तब होगा जबकि तृतीय विश्व युद्ध चल रहा होगा तब आकाश से एक उल्का पिंड हिंद महासागर में गिरेगा और समुद्र का सारा पानी धरती पर फैल जाएगा जिसके कारण धरती के अधिकांश राष्ट्र डूब जाएंगे या यह भी हो सकता है कि इस भयानक टक्कर के कारण धरती अपनी धूरी से ही हट जाए और अंधकार में समा जाए।
4. दुनिया की अर्थव्यवस्था चरमरा जाएगी : नास्त्रेदमस की भविष्यवाणी के अनुसार 2020 में इस सदी का सबसे बड़ा आर्थिक संकट भी आएगा। हालांकि भविष्यवाणी को छोड़ भी दें तो अमेरिका और चीन के टकराव के चलते पुरी दुनिया की अर्थव्यवस्था की हालत काफी खस्ता है। अर्थव्यवस्था का केंद्र हांगकांग इस वक्त हिंसा की आग में जल रहा है जिसके चलते भारत सहित दुनिया के कई दक्षिण एशियाई देशों की अर्थव्यवस्था पर प्रभाव पड़ रहा है।
5. बड़े नेताओं की जान को खतरा : वर्ष 2020 के लिए नास्त्रेदमस की भविष्यवाणियों की व्याख्या करने वालों के अनुसार कुछ चौंकाने वाली भविष्यवाणी यह है कि इस वर्ष रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की हत्या की कोशिश की जा सकती है। जबकि अमेरिकी राष्ट्रपति, डोनल्ड ट्रम्प को बड़ा नुकसान हो सकता है। दूसरी ओर नरेंद्र मोदी को मारने की साजिश दो बार खुलासा हो चुका है। व्याख्याकारों के अनुसार 2020 में ग्रेट ब्रिटेन की महारानी की मृत्यु हो सकती है जिसके बाद प्रिंस चार्ल्स ग्रेट ब्रिटेन की गद्दी संभालेंगे और जल्द स्कॉटलैंड और वेल्स का दौरा करेंगे।
उल्लेखनीय है कि नास्त्रेदमस की कुछ भविष्यवाणियों को तोड़-मोरोड़कर हर वर्ष इसी तरह इंटरनेट पर किसी न किसी तरह प्राचारित किया जाता रहा है। उनकी भविष्वाणियों के कई अर्थ निकाले जा सकते हैं और कई व्यक्तियों से उनकी भविष्यवाणी को जोड़ा जा सकता है। जहां तक जलवायु परिवर्तन का सवाल है तो यह कई वर्षों से जारी है। प्राकृतिक घटनाएं हर वर्ष होती है। सूर्य ग्रहण भी हर वर्ष 2 या 3 होते ही रहते हैं। हर वर्ष कोई न कोई नेता किसी न किसी कारण से मारता या मारा जाता है। वर्ष संघर्ष आज से नहीं पिछले कई वर्षों से हर देश में जारी है। हर वर्ष के अंत में यह घोषणा की जाती है कि अगले वर्ष तृतीय विश्व युद्ध होने की आशंका है। ऐसे में इन भविष्यवाणियों के विश्वसनीय होने का कोई आधार नहीं रह जाता है।