वाराणसी में एक बार फिर महाभारत के उस अशोभनीय दृश्य की झलक देखने को मिली जब दुशासन ने ‘द्रौपदी’ का चीरहरण किया था। बस इस बार फर्क इतना है कि ‘द्रौपदी की जगह कंगना रनौत, श्री कृष्ण की जगह पीएम मोदी और दुशासन की जगह उद्धव ठाकरे नजर आए। काशी की गलियों में लगे ये विवादित पोस्टर देखकर हर कोई हैरान रह गया।
बता दें कि पोस्टर भाजपा से जुड़े वाराणसी के एक स्थानीय वकील श्रीपति मिश्रा द्वारा लगाए गए हैं। पोस्टरों के मामले वकील मिश्रा ने कहा कि शिवसेना के साथ कंगना के झगड़े के मामले में, महाराष्ट्र सरकार ‘कौरव सेना’ की तरह काम कर रही है। उन्होंने कहा कि कंगना ने अपने आप को जोखिम में डालकर हर महिला की आवाज बुलंद की है।
शिवसेना की सरकार ने कंगना के दफ्तर को तोड़ दिया। ऐसी कार्यवाही किसी महिला के विरुद्ध द्वेषपूर्ण हैं। हम सभी का कंगना के साथ हैं।उन्होंने आगे कहा कि केवल पीएम मोदी ही इस देश में महिलाओं की गरिमा की रक्षा कर सकते हैं। पूरे मामले पर चुप रहने के लिए उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पर भी निशाना साधा।