यह कू ऐप है क्या,भारत सरकार क्यों दिखा रही इसमें दिलचस्पी?

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कू एप ट्विटर की तरह ही एक माइक्रोब्लॉगिंग साइट है।इसे मार्च 2020 में लॉन्च किया गया था। इसे बेंगलुरू की बॉम्बीनेट टेक्नॉलॉज़ीस प्राईवेट लिमिटेड ने बनाया है। ऐप को भारत के ही अपरामेया राधाकृष्णण और मयंक बिदवक्ता ने डिज़ाइन किया है। इसलिए इसे ट्विटर का देसी वर्ज़न भी कहा जा रहा है। कू ऐप अभी चार भारतीय भाषाओं में उपलब्ध है – हिंदी, तमिल, तेलुगू और कन्नड़।प्ले स्टोर पर इसके 1 मिलियन से अधिक डाउनलोड हो चुके हैं।

सरकार के आत्मनिर्भर भारत अभियान का हिस्सा

ऐसा नहीं है कि इस ऐप की बात सिर्फ ट्विटर से विवाद के बाद शुरू हुई है।सरकार इसे पहले से ही बढ़ावा दे रही है। साल 2020 में सरकार द्वारा आयोजित आत्मनिर्भर ऐप इनोवेशन चैलेंज में कू ऐप को चिंगारी और ज़ोहो जैसे ऐप्स के साथ विजेता घोषित किया गया था।चिंगारी और ज़ोहो टिकटॉक जैसे वीडियो ऐप हैं, टिकटॉक पर बैन के बाद ये चर्चा में आए थे।

पिछले साल मन की बात कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कू ऐप का ज़िक्र किया था। मोदी ने कहा, “एक माइक्रोब्लॉगिंग प्लैटफॉर्म का ऐप है, इसका नाम है कू, इसमें हम अपनी मातृमाषा में टेक्स्ट वीडियो और ऑडियो के ज़रिए अपनी बात रख सकते हैं, इंटरैक्ट कर सकते हैं”,कुछ जानकार मानते हैं कि कू का फिर से चर्चा में आना सरकार की ट्विटर पर दबाव बनाने की रणनीति भी हो सकती है।